गौ माता को पहली रोटी क्यों खिलाएं: एक धार्मिक विश्लेषण

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हिंदू धर्म के अनुसार गौ माता का महत्व

गाय, हिंदु धर्म में पवित्र और पूज्यनीय मानी गई है। शास्त्रों के अनुसार गौ माता की सेवा के पुण्य का प्रभाव कई जन्मों तक बना रहता है। इसीलिए गाय की सेवा करने की बात कही जाती है।

पुराने समय से ही गौ माता की सेवा को धर्म के साथ ही जोड़ा गया है। हिंदू धर्म में गाय का महत्व है । गौसेवा भी धर्म का ही अंग है। गाय को हमारी माता बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि गाय में हमारे सभी देवी-देवता निवास करते हैं। इसी वजह से मात्र गौ माता की सेवा से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं।
Sacred Cow

भगवान श्रीकृष्ण के साथ ही गौ माता की भी पूजा की जाती है। भागवत में श्रीकृष्ण ने भी इंद्र पूजा बंद करवाकर गौ माता की पूजा प्रारंभ करवाई है। इसी बात से स्पष्ट होता है कि गाय की सेवा कितना पुण्य का अर्जित करवाती है।

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गाय के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए कई घरों में यह परंपरा होती है कि जब भी खाना बनता है पहली रोटी गाय को खिलाई जाती है। यह पुण्य कर्म बिल्कुल वैसा ही जैसे भगवान को भोग लगाना। गाय को पहली रोटी खिला देने से सभी देवी-देवताओं को भोग लग जाता है।

सभी जीवों के भोजन का ध्यान रखना भी हमारा ही कर्तव्य बताया गया है। इसी वजह से यह परंपरा शुरू की गई है। पुराने समय में गाय को घास खिलाई जाती थी लेकिन आज परिस्थितियां बदल चुकी है।

जंगलों की कटाई करके वहां हमारे रहने के लिए शहर बसा दिए गए हैं। जिससे गौ माता के लिए घास आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती है और आम आदमी के लिए गाय के लिए हरी घास लेकर आना काफी मुश्किल कार्य हो गया है। इसी कारण के चलते गाय को रोटी खिलाई जाने लगी है।

वर्तमान विज्ञान भी अब गौ माता की महत्ता समझने लगा है। गाय से उपलब्ध दूध, घी, गोबर और गौमूत्र भी हमारे शरीर की पौष्टिकता के साथ बहुत सारे असाध्य रोगों के लिए रामबाण सिद्ध हो रहें हैं ।

 

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