क़ुतुब मीनार के निर्माण का सच: The Truth About Construction of Qutub Minar
क़ुतुब मीनार का इतिहास
क़ुतुब मीनार भारतीय स्थाप्य कला का एक अनुपम और उत्कृष्ट उदहारण है | एक चर्चा के अनुशार इसका निर्माण सम्राट विक्रमादित्य काल में खगोल विद्या का अध्ययन करने के लिए आचार्य वाराहमिहिर ने इस नक्षत्र स्तंभ की स्थापना की थी |
इतिहास में दर्ज घटनाक्रम के हिसाब से भी यही प्रमाण मिलता है कि फिरोज साह तुगलक ने क़ुतुब मीनार के उपरी दो तले जो समय के साथ टूट फूट गए थे उनका महज निर्माण ही करवाया था |
इतिहास में सिकंदर लोदी द्वारा भी १५०५ ईस्वी में इस मीनार का जीर्णोद्धार किया गया था ऐसे प्रमाण मिलते है, कहा जाता है कि उस समय इस क़ुतुब मीनार का काफी हिस्सा एक भूकंप के कारण छत विछत हो गया था |
आचार्य वाराहमिहिर के तत्कालीन हस्तिनापुर(दिल्ली ) के निवास स्थान को अब महरौली कहा जाता है जो कि आचार्य के नाम के अनुरूप ही है |
sach ko kabhi bhi jhoot nahi daba sakta h mr goverments changs ho ne s history changs nahi ho sakti h mr