हिंदुत्व के मौलिक कर्तव्य, जिनका पालन करना हर हिन्दू का धर्म है
हर हिन्दू के 5 मौलिक कर्तव्य, जिनका पालन किया जाना चाहिए
हिन्दू धर्म में ‘पंच नित्य कर्म’ का उल्लेख मिलता है जिन्हें ‘हिंदुत्व के मौलिक कर्तव्य’ के रूप में जाना जाता है।
हिन्दूओं के 5 मौलिक कर्तव्य का वर्णन निम्न है :-
(1) संध्योपासन:
संध्या वंदन के लाभ:
(2) उत्सव:
उत्सव का लाभ:
पुष्कर मंदिर: ब्रह्मा जी का अति प्राचीन मंदिर
भारतीयता और भारत की संस्कृति : एक झलक
(3) तीर्थ:
तीर्थ का लाभ:
(4) संस्कार:
संस्कार से लाभ:
(5) धर्म:
धर्म से लाभ:
व्रत से मन और मस्तिष्क जहां सुदृढ़ बनता है वहीं शरीर स्वस्थ और बनवान बना रहता है। दान से पुण्य मिलता है और व्यर्थ की आसक्ति हटती है जिससे मृत्युकाल में लाभ मिलता है। सेवा से मन को जहां शांति मिलती है वहीं धर्म की सेवा भी होती है। सेवा का कार्य ही धर्म है। यज्ञ है हमारे कर्तव्य जिससे ऋषि ऋण, देव ऋण, पितृ ऋण, धर्म ऋण, प्रकृति ऋण और मातृ ऋण समाप्त होता है।