सिन्दूर का महत्व: इसे मांग में क्यों लगाया जाता है?

भारतीय स्त्रियों के लिए सिन्दूर का क्या महत्व है?


स्त्रियाँ क्योँ लगाती हैँ माँग मेँ सिन्दूर ? आखिर इसके पीछे कि वैज्ञानिकता क्या है ?

 
1.   भारतीय वैदिक परंपरा खासतौर पर हिंदू समाज में शादी के बाद महिलाओं को मांग में सिंदूर भरना आवश्यक हो जाता है । आधुनिक दौर में अब सिन्दूर की जगह कुंकुम और अन्य चीजों ने ले ली है । सवाल यह उठता है कि आखिर मांग में सिन्दूर ही क्यों लगाया जाता है ? दरअसल इसके पीछे एक बड़ा वैज्ञानिक कारण है । यह मामला पूरी तरह स्वास्थ्य से जुड़ा हुवा है। शिर के उस स्थान पर जहां मांग भरी जाने की परंपरा है, मस्तिष्क की एक महत्वपूर्ण ग्रंथी होती है, जिसे ब्रह्मरंध्र कहते हैं । यह अत्यंत संवेदनशील होती है । यह मांग के स्थान यानी कपाल के अंत से लेकर सिर के मध्य तक होती है । सिंदूर इसलिए लगाया जाता है क्योंकि इसमें पारा नाम की धातु होती है । पारा ब्रह्मरंध्र के लिए औषधि का काम करता है । महिलाओं को तनाव से दूर रखते हुवे यह मस्तिष्क को हमेशा चैतन्य अवस्था में रखता है। विवाह के बाद ही मांग इसलिए भरी जाती है क्योंकि विवाह के बाद जब गृहस्थी का दबाव महिला पर आता है तो उसे तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी बीमारिया आमतौर पर घेर लेती हैं । पारा एकमात्र ऐसी धातु है जो तरल रूप में रहती है । यह मष्तिष्क के लिए लाभकारी है, इस कारण सिन्दूर मांग में भरा जाता है । यह परंपरा हमारे पूर्वजों और ऋषि मह्रशिओं ने काफी शोध के बाद ही शुरू की थी   

2.   मांग में सिन्दूर भरना औरतों के लिए सुहागिन होने की निशानी माना जाता है। विवाह के समय वर द्वारा वधू की मांग मे सिन्दूर भरने के संस्कार को सुमंगली क्रिया कहते हैं । इसके बाद विवाहिता पति के जीवित रहने तक आजीवन अपनी मांग में सिंदूर भरती है । हिंदू धर्म के अनुसार मांग में सिंदूर भरना सुहागिन होने का प्रतीक है । सिन्दूर नारी श्रंगार का भी एक महत्तवपूर्ण अंग है । सिंदूर मंगल-सूचक भी होता है। शरीर विज्ञान में भी सिन्दूर का महत्त्व बताया गया है । सिंदूर में पारा जैसी धातु अधिक होनेके कारण चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पडती। साथ ही इससे स्त्री के शरीर में स्थित विद्युतीय उत्तेजना नियंत्रित होती है । मांग में जहां सिंदूर भरा जाता है, वह स्थान ब्रारंध्र और अध्मि नामक मर्म के ठीक ऊपर होता है । सिंदूर मर्म स्थान को बाहरी बुरे प्रभावों से भी बचाता है । 
 
3.  सामुद्रिक शास्त्र में अभागिनी स्त्री के दोष निवारण के लिए मांग में सिन्दूर भरने की सलाह दी गई है। मात्र सिंदूर भर भरने से किसी भी स्त्री के सौन्दर्य में वृद्धि हो जाती है । एक स्त्री कितनी भी सजी सवरी क्यों ना हो, कहीं कुछ सुना सुना या अधुरा सा लगता है । लेकिन मात्र एक चिटुकी भर सिन्दूर उसके सौन्दर्य तथा आभा में कई गुणा वृद्धि कर देता है 
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