भारतीय संस्कृति की विशेषताएं: धर्म, समन्वय और आचार, विचार

भारतीय संस्कृति की कुछ खास बातें हममें से अधिकतर लोग इन्हें नहीं जानते, आइये उसे जानने का प्रयत्न करें, और इन्हें अपने बच्चों तक भी पहुचाएं ।

कला और संस्कृति किसी भी देश के लिए उसका एक अमूल्य धरोहर है ।  भारत अपने इन धरोहरों को चिर काल से अछुड़  रखे हुवे है । यही हमारी पहचान है और यही हमारा संस्कार है ।

हम अपनी आने वाली पीढ़ी को कम से कम अपनी भारतीय संस्कृति तो दे ही सकते हैं । भारत की संस्कृति हमारी  पीढ़ीओं के लिए एक उच्च कोटि का प्रेरणा श्रोत है ।

भारतीयता और भारतीय संस्कृति की कुछ खास बातें

( ०१ ) दो पक्ष –
कृष्ण पक्ष , शुक्ल पक्ष !
( ०२ ) तीन ऋण –
देव ऋण , पितृ ऋण , ऋषि ऋण !
( ०३ ) चार युग –
सतयुग , त्रेतायुग , द्वापरयुग , कलियुग !
( ०४ ) चार धाम –
द्वारिका , बद्रीनाथ , जगन्नाथ पुरी , रामेश्वरम धाम !
( ०५ ) चारपीठ –
शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम ), गोवर्धन पीठ
( जगन्नाथपुरी ) , शृंगेरीपीठ !
( ०६ ) चार वेद-
ऋग्वेद , अथर्वेद , यजुर्वेद , सामवेद !
( ०७ ) चार आश्रम –
ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , वानप्रस्थ , संन्यास !
( ०८ ) चार अंतःकरण –
मन , बुद्धि , चित्त , अहंकार !
( ०९ ) पञ्च गव्य –
गाय का घी , दूध , दही , गोमूत्र , गोबर !
( १० ) पञ्च देव –
गणेश , विष्णु , शिव , देवी , सूर्य !
( ११ ) पंच तत्त्व –
पृथ्वी , जल , अग्नि , वायु , आकाश !
( १२ ) छह दर्शन –
वैशेषिक , न्याय , सांख्य , योग , पूर्व मिसांसा , उत्तर मिसांसा !
( १३ ) सप्त ऋषि –
विश्वामित्र , जमदग्नि , भरद्वाज , गौतम , अत्री , वशिष्ठ और कश्यप!
( १४ ) सप्त पुरी –
अयोध्या पुरी , मथुरा पुरी , माया पुरी ( हरिद्वार ) , काशी , कांची
( शिन कांची – विष्णु कांची ) , अवंतिका और द्वारिका पुरी !
( १५ ) आठ योग – भारत की संस्कृति का एक अभिन्न अंग
यम , नियम , आसन , प्राणायाम , प्रत्याहार , धारणा , ध्यान एवं समाधि !

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( १६ ) आठ लक्ष्मी –
आग्घ , विद्या , सौभाग्य , अमृत , काम , सत्य , भोग ,एवं योग लक्ष्मी !
( १७ ) नव दुर्गा –
शैल पुत्री , ब्रह्मचारिणी , चंद्रघंटा , कुष्मांडा , स्कंदमाता , कात्यायिनी , कालरात्रि , महागौरी एवं सिद्धिदात्री !
( १८ ) दस दिशाएं –
पूर्व , पश्चिम , उत्तर , दक्षिण , ईशान , नैऋत्य , वायव्य , अग्नि, आकाश एवं
पाताल !
( १९ ) मुख्य ११ अवतार –
मत्स्य , कच्छप , वराह , नरसिंह , वामन , परशुराम , श्री राम , कृष्ण , बलराम ,
बुद्ध , एवं कल्कि !
( २० ) बारह मास –
चैत्र , वैशाख , ज्येष्ठ , अषाढ , श्रावण , भाद्रपद , अश्विन , कार्तिक , मार्गशीर्ष ,
पौष , माघ , फागुन !
( २१ ) बारह राशी –
मेष , वृषभ , मिथुन , कर्क , सिंह , कन्या , तुला , वृश्चिक , धनु , मकर , कुंभ ,
मीन।
( २२ ) बारह ज्योतिर्लिंग –
सोमनाथ , मल्लिकार्जुन , महाकाल , ओमकारेश्वर , बैजनाथ , रामेश्वरम , विश्वनाथ , त्र्यंबकेश्वर , केदारनाथ , घुष्नेश्वर , भीमाशंकर , नागेश्वर !
( २३ ) पंद्रह तिथियाँ –
प्रतिपदा , द्वितीय , तृतीय , चतुर्थी , पंचमी , षष्ठी , सप्तमी , अष्टमी , नवमी , दशमी , एकादशी , द्वादशी , त्रयोदशी , चतुर्दशी , पूर्णिमा , अमावास्या !
( २४ ) स्मृतियां –
मनु , विष्णु , अत्री , हारीत , याज्ञवल्क्य , उशना , अंगीरा , यम , आपस्तम्ब , सर्वत , कात्यायन , ब्रहस्पति , पराशर , व्यास , शांख्य , लिखित , दक्ष , शातातप , वशिष्ठ !

एक सनातनी होने के कारण अपने धर्म और भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी अपने आने वाली पीढ़ीओं तक पहुचाते रहना यह हम सब का मुलभुत कर्तब्य है ।

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